कथासंग्रह कचहरी का पाठक प्रतिक्रिया कार्यक्रम सम्पन्न
नेपालगञ्ज/(बाँके) पवन जायसवाल । बाँके जिला के खजरा में पाँचवीं कथासंग्रह कचहरी का पाठक प्रतिक्रिया कार्यक्रम सम्पन्न हुआ है ।
कल्पना फाउन्डेसन नेपाल साहित्य विभाग ने पठन संकृति की विकास के लिये कथाकार कल्पना पौडेल जिज्ञासु की ५ वींं कृति कचहरी कथासङ्ग्रह की पाठक प्रतिक्रिया ज्ञानोदय माध्यमिक द्यिलायय खजुरा में सम्पन्न हुआ है ।
फाउन्डेसन की साहित्य विभाग संयोजक लेकप्रसाद प्याकुरेल के अध्यक्षता में और प्रज्ञा प्रतिष्ठान के पूर्व सदस्य सचिव तथा वरिष्ठ कथाकार सनत कुमार रेग्मी के प्रमुख आतिथ्य में सम्पन्न कार्यक्रम में प्रज्ञा प्रतिष्ठान के प्राज्ञ सभा सदस्य शशीराम कार्की, खजुरा गाँवपालिका वार्ड नं.–३ के वडाध्यक्ष पूर्णबहादुर भण्डारी, फाउन्डेसनकी संथापक अध्यक्ष कल्पना पौडेल जिज्ञासु, खजुरा प्रज्ञा प्रतिष्ठान प्रज्ञा परिषद् सदस्य माधव शर्मा, ज्ञानोदय नमूना माध्यमिक विद्यालयका शिक्षक अभिभावक संघ के अध्यक्ष मानबहादुर भण्डारी, ज्ञानोदय नमूना माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक तथा कल्पना फाउन्डेसन के उपाध्यक्ष ऋषिराम सापकोटा, वरिष्ठ गÞजÞलकार खगेन्द्र गिरि कोपिला, ज्ञानोदय बहुमुखी क्याम्पसकी क्याम्पस प्रमुख चरित्रा शाह, भेरी साहित्य समाज केन्द्रीय समिति के सदस्यद्वय भरत बहादुर रानाभाट तथा चन्द्रावती अधिकारी, साहित्यकारों भीम प्रज्वल, अधिवक्ता तथा साहित्यकार भीम बहादुर शाही, इन्दिरा गौतम की साथ ही दर्जन से अधिक विभिन्न माध्यामिक विद्यालय से आये हुये शिक्षक विद्यार्थी सहित २५ लोगों ने कथा सङ्ग्रह कचहरी के उपर पाठक प्रतिक्रिया व्यक्त किये थे । साहित्य विभाग सदस्य बोधराज प्याकुरेल ने कार्यक्रम की संञ्चालन किया था, चरित्रा शाह ने स्वागत मन्तब्य की थी । वह कार्यक्रम के उपर ऋषिराम सापकोटा ने प्रकाश डाला था ।
प्रतिक्रिया में सहभागी पाठकों ने कचहरी में समावेश किया गया १५ कथाएँ समाज में व्याप्त गरिबी, लैङ्गिक विभेद, कुरीति कुसंस्कार, बेरोजगारी, जातीय विभेद, बृद्धअवश्था की समस्या, दहेज प्रथा, पुनर्विवाह, बाल शोषण, महिला हिंसा जस्ता घटनाएँ की यथार्थ चित्रण किया गया, समाज में हो रही गलत अभ्यासों की आलोचना करते हुये उसकी सुधार के पक्ष में कुछ सुझाव समेत सुझाया कारण कृति आलोचनात्मक यथार्थवाद की कोण से भी महत्वपूर्ण साबित हुआ विचार प्रस्तुत किया गया था । सरल, सरस और बोधगम्य भाषाशैली की कारण सामान्य स्तर की पाठकों ने भी सहज रस आस्वादन करने की कृति के रूप में कचहरी को देखाया गया था वह कार्यक्रम के कुछ वक्ताओं ने कथा माँग किये अनुरुप की परिवेश को प्रयोग करते हुये वर्तमान परिवेश में कथा लेखन परम्परा ने अङ्गीकार करते आई नवीन धार को समेत मिलाकर आगे बढ्ने कथाकार को सुझाव दिये थे । फाउन्डेसनद्वारा आयोजित वह कार्यक्रम में सहभागी वक्ताओं ने फाउन्डेसन की अध्यक्ष कल्पना पौडेल जिज्ञासु और कल्पाना फाउण्डेसन के उपाध्यक्ष ऋषिराम सापकोटा ने केक काटक जन्मदिन तथा विवाह वर्ष उत्सव मनाने की सट्टा साहित्य और समाज सेवा की क्षेत्र में रचनात्मक कार्य करते आई आई अनुकरणीय कार्य की मुक्तकण्ठ ने प्रशंसा करते हुये उसी दिन पडी ऋषिराम सापकोटा और कल्पना पौडेल जिज्ञासु की वैवाहिक वार्षिकोत्सव की अवसर पर शुखद दाम्पत्य जीवन की शुभकामना समेत प्रदान किये थे ।