बृहत विश्व साहित्य सम्मेलन में बाँके जिला के तीन स्रष्टा सम्मानित

नेपालगञ्ज/(बाँके) पवन जायसवाल । नेपाली साहित्य की विश्वव्यापीकरण हाम्रो अभियान मूल मर्म की साथ काठमाडौँ की गौशाला स्थित होटल आनन्द पशुपति की सभाहाल में तीसरा बृहत साहित्यिक विश्व सम्मेलन २०८१ सम्पन्न हुआ है ।

वह बृहत साहित्यिक विश्व सम्मेलन २०८१ में बाँके जिला के तीन स्रष्टा सम्मानित हुये हैं । विश्व नेपाली साहित्य महासंघ विश्व केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र लिम्बु परदेशी के अध्यक्षता में, सम्माननीय प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली के प्रमुख आतिथ्य में सम्पन्न वह कार्यक्रम में विश्व के १४ साहित्य साधक सम्मानित हुये है । इसी तरह बाँके जिला में रहकर साहित्य और समालोचना में साधना करनेवाले साधक प्राध्यापक डा. कृष्णप्रसाद घिमिरे, कल्पना पौडेल जिज्ञासु और लेकप्रसाद प्याकुरेल  सम्मानित हुये हैं  । सम्मानित व्यक्तित्वों मध्ये प्रा. डा.कृष्णप्रसाद घिमिरे को नेपाली साहित्यदूत मकालु २०८० सम्मान से विभूषित किया गया है । कल्पना पौडेल जिज्ञासु बिनेसाम उत्कृष्ट शाखा अध्यक्ष सम्मानद्वारा सम्मानित हुई हैं, समालोचक लेकप्रसाद प्याकुरेल नेपाल के भित्तर प्रदेशों से उत्कृष्ट प्रदेश अध्यक्ष सम्मानद्वारा सम्मानित हुये हैं । वह कार्यक्रम में भारत, थाइल्याण्ड, जापान, चीन, रसिया लगायत विश्व के दो दर्जन से अधिक देशों के अग्र साहित्यकारों की  सहभागिता रही थी वह कार्यक्रम में १४ नेपाली भाषा साहित्य सम्बन्धि कृतियाँ की  विमोचन भी हुई थी । उसी अवसर पर बाँके जिला की साहित्यकार कल्पना पौडेल जिज्ञासु की कल्प ध्वनि लघुकथा संग्रह, लेकप्रसाद प्याकुरेल की बाँके जिला की महिला स्रष्टा और सिर्जना समालोचना सङ्ग्रह, गीता अर्याल की विषाक्त समय मुक्तक संग्रह, इन्दिरा गौतम की इन्दु कविता संग्रह, विनेसाम नेपाल शाखाद्वारा तयार किया गया नेपाल दर्पण, लुम्बिनी प्रदेशद्वारा तयार किया गया लुम्बिनी दर्पण और  विनेसाम कर्णाली  प्रदेशद्वारा तयार किया गया कर्णाली दर्पण लगायत एक दर्जन से अधिक कृतियाँ की विमोचन प्रमुख अतिथि सम्माननीय प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली ने किया था । भारत सिक्किम के पूर्व मुख्यमन्त्री चाम्लिङ प्रा.डा. गोविन्दप्रसाद भट्टराई आयामेली कवि बैरागी काइला लगायत लोग विशिष्ट व्यक्तित्वों की उपस्थित रही थी । वह कार्यक्रम की सञ्चालन नेपाल शाखा की महासचिव सुनिता राई कन्दङवा ने की थी ।

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