एमाले के साथ सहकार्य बाध्यात्मक और कष्टकर हैः कांग्रेस नेता डा. कोइराला

शेखर कोइराला, फाईल तस्वीर

काठमांडू, २६ अक्टूबर । नेपाली कांग्रेस के नेता डा. शेखर कोइराला ने कहा है कि कांग्रेस और नेकपा एमाले बीच के सत्ता सहकार्य बाध्यात्मक परिस्थिति है और यह कष्टकर भी है । उन्होंने कहा कि विकास, सुशासन और समृद्धि के लिए दो प्रमुख पार्टी के बीच सत्ता सहकार्य हुआ है, लेकिन लक्ष्य अनुसार काम नहीं हो पा रहा है । आज शनिबार काठमांडू में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने सरकार के सौ दिनों का समीक्षा करते हुए ऐसा कहा है ।
नेता कोइराला ने कहा कि प्रधानमन्त्री केपीशर्मा ओली में सत्ता से बाहर हो जाने की ड़र है । उन्होंने कहा– ‘प्रधानमन्त्री में सत्ता गिर जाने की चिन्ता है, सरकार गिरने की बात करते हुए जनता को गुमराह में रखने का काम हो रहा है । इसतरह देश को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता ।’ उन्होंने कहा कि नेपाली कांग्रेस की मुख्य प्रतिस्पर्धी नेकपा एमाले ही है, लेकिन विशेष परिस्थिति में सत्ता सहकार्य हो रहा है और यह कष्टकर भी है ।
नेता कोइराला ने यह भी कहा है कि दल विभाजन संबंधी अध्यादेश को लेकर राजनीतिक वृत्त में जो बहस हो रहा है, यह उचित नहीं है । उनका मानना है कि दल विभाजन अध्यादेश की कोई जरुरत भी नहीं है ।
कार्यक्रम के दूसरे वक्ता कांग्रेस नेता मोहन बस्नेत ने कहा कि सरकार की कमी कमजोरी में सुधार करते हुए आगे आगे बढ़ने की जरुरत है । उन्होने यह भी कहा कि नेपाली कांग्रेस के भीतर अनुशासन संबंधी नियमों को सही से कार्यान्वयन करना चाहिए ।

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