नेपाल आदिवासी जनजाति महासंघ जिला समन्वय परिषद् बाँके द्वारा महोत्सव की तैयारी

नेपालगन्ज/(बाँके) पवन जायसवाल । इसी कार्तिक २९ गते से संचालन होन जा रहे महोत्सव के लिये राजनीतिक दलों से कार्तिक ६ गते मंगलवार को नेपालगञ्ज में बातचीत किया गया है ।

 नेपाल आदिवासी जनजाति महासंघ जिला समन्वय परिषद् बाँके ने आयोजन करने जा रहे महोत्सव के बारे में राजनीतिक दलों से कार्तिक ६ गते मंगलवार को बातचीत किया गया है ।

  महोत्सव की तयारी बारे नेपाली काँग्रेस बाँके के उपसभापति गोपाल प्रसाद अधिकारी ने महोत्सव लगाना समान्य बात नही है इस लिये सभी लोग गम्भीर होकर जुटने के लिये आवश्यक बताया । महोत्सव सफल बनाने में अभी और समय है इस के लिये हमारी पार्टी और मेरी व्यक्तिगत साथ सहयोग रहेगी और समर्थन भी रहेगी काँग्रेस बाँके के उपसभापति गोपाल प्रसाद अधिकारी ने बताया ।

बाँके जिला में फरकफरक समुदाय की बसोबास रही है इस में ज्यादा ध्यान देना और उसी क्षेत्र में फोकस करने के लिये उन्हों ने सुझाव दिया था । महोत्सव को व्यापकता बनाने के लिये ग्रामीण क्षेत्र की बस्ती बस्ती में प्रचार प्रसार व्यापक बनाना अपरिहार्य रही है बातों पर उन्हों ने जोड दिया था । महोत्सव सभी लगाना पाना चाहिये उन्हों ने बताया । इसी तरह नेकपा एमाले के लुम्बिनी प्रदेश संयोजक भाष्कर काफ्ले ने सभी प्रकार की प्रक्रिया पूरा करके सञ्चालन होने जा रही है और महोत्सव सफल बनाने में सभी लोग साथ देना अपरिहार्य रही है बिचार रक्खा था । मेला एक प्रकार की झमेला है इस को आयोजक ने जिम्मेवारी की साथ पूर्णता और सभी की मन जीतने लायक की महोत्सव सञ्चालन करने के लिये उन्हों ने सुझाव दिया था ।

महोत्सव सञ्चालन बारे प्रचार प्रसार की कमी दिखाई पडी । इस को  सफल बनाने में बाँकेबासी मात्र न होकर बाँके जिला के आसपास के जिला आसपास के नागरिकों की मुख मुखमा महोत्सव बारे चर्चा होने गरी प्रचार प्रसार होना आवश्यक रही है उन्हों ने बताया । हरेक साल उसी कलाकार उसी तरह की सांकृतिक और उसी प्रकार की खेल तथा व्यापार होती रहती थी इस वर्ष की  महोत्सव अन्य से पृथक प्रकार की महोत्सव लगाने के लिये नेकपा एमाले के लुम्बिनी प्रदेश संयोजक भाष्कर काफ्ले ने अपनी सुझाव दिया । इस बार की  मेला जनजाति का परिकार, भेषभूषा परम्परागत संस्कृति की प्रदर्शन होगी अन्य मेला से फरक दिखाई जाएगी नेपाल आदिवासी जनजाति महासंघ जिला समन्वय परिषद् बाँके के अध्यक्ष डम्बरबहादुर थापामगर ने बताया । सभी समुदाय की कला, संस्कृति, भेषभूषा और खाने की परिकार की स्वाद ले सकते हैं अभी तक की फरक प्रकार की महोत्सव सञ्चालन करने की सोंच रही है महोत्सव मूल समिति के संयोजक डम्बर बहादुर थापामगर ने बताया ।

आदिवासी जनजाति की परम्परागत रीतिरिवाज, चालचलन, कला, संस्कृति, भेषभूषा लगायत की सम्बन्धित सभी बात पिछले समय में हराते गई है संरक्षण, बचाना और प्रवर्धन तथा प्रचार प्रसार करने की उद्देश्य के साथ नेपालगञ्ज में महोत्सव की आयोजन होने जा रही है सचिव राजन रानामगर ने बताया ।

विश्वभर फैलिएका हामी जनजाति हामी आदिवासी, जोगाइ राखौं भेषभूषा, भाषा, संस्कृतिमूल नारा की साथ इसी कार्तिक २९ गते से मंसीर १८ गते तक नेपालगञ्ज में प्रथम कृषि, पर्यटन प्रवर्धन, व्यापारिक संरक्षण तथा सांस्कृतिक महोत्सव एक्सपो २०८१सञ्चालन होने जा रही है राजन सचिव रानामगर ने बताया । कला तथा संस्कृति संरक्षण सहित संस्था की भवन निर्माण सहयोगार्थ सञ्चालन होने जा रही महोत्सव में जाति, जनजाति, कला, संस्कृति संरक्षण की साथ साथ राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कलाकारों ने मनोरञ्जन प्रदान करेेंं उन्हों ने बताया  । औद्योगिक तथा व्यापारिक सहित महोत्सव में २ सौ ५० स्टल रहेगी । महोत्सव अवधी भर आदिवासी जनजाति की कला, संस्कृति सम्बन्धि पौराणिक कला जातीय भेषभूषा की प्रदर्शन होगी, कृषि पर्यटन हस्तकला सहित की स्टलें रक्खी जाएगी, लुम्बिनी प्रदेश की १२ जिला में रही धार्मिक तथा पर्यटकीय स्टलें की प्रदर्शनी होगी तथा जातीय खाना की प्रदर्शनी रहेगी सचिव राजन रानामगर ने जानकारी दी है ।

महोत्सव सफल बनाने के लिये अध्यक्ष डम्बरबहादुर थापा मगर की संयोजकत्व में मूल आयोजक समिति और सचिव राजन रानामगर की संयोजकत्व में सचिवालय गठन किया गया है आयोजक ने जानकारी दी है । आयोजक के अनुसार कृष्ण पुनमगर की संयोजकत्व में सल्लाहकार उपसमिति, भूपेन्द्र पुनमगर के संयोजकत्व में सुरक्षा उपसमिति, अजय पुनमगर (गोपाल) के संयोजकत्व में आर्थिक उपसमिति, संगीता चौधरी की संयोजकत्व में अतिथि सत्कार उपसमिति, गनबहादुर गुरुङ के संयोजकत्व में झाँकी रैली व्यवस्थापन उपसमिति, सुन्दर गुरुङ के संयोजकत्व में सांस्कृतिक उपसमिति, आइत पुनमगर के संयोजकत्व में खानेपानी तथा शौचालय उपसमिति, जनक पहराई मगर के संयोजकत्व में स्वयंसेवक उपसमिति और अशोक थापामगर के संयोजकत्व में प्रचार प्रसार उपसमिति गठन कि गई है ।

महोत्सव की अवधि भर तीन लाख दर्शक ने मेला अवलोकन करेंगे और पाँच करोड बराबर की आर्थिक कारोबार होगी आयोजक ने जानकारी दी है । महोत्सव की सहआयोजक में नेपाल आदिवासी जनजाति महासंघ नेपालगञ्ज उपमहानगर समन्वय परिषद, नेपाल आदिवासी जनजाति महासंघ कोहलपुर नगर समन्वय परिषद, नेपाल आदिवासी जनजाति पत्रकार महासंघ बाँके शाखा, नेपाल आदिवासी जनजाति युवा महासंघ बाँके, नेपाल मगर संघ बाँके, तामाङ घेदुङ बाँके, तमु ह्युल छोज घि बाँके, नेवा पुच बाँके, बौद्ध धर्म संघ गुम्बा बाँके, नेवा दयादवु बाँके रही है । महोत्सव २० दिन तक सञ्चालन होगी । राजनीतिक दलों से बातचीत कार्यक्रम में नेपाली काँग्रेस बाँके के उपसभापति गोपाल प्रसाद अधिकारी, नेकपा एमाले लुम्बिनी प्रदेश संयोजक भास्कर काफ्ले, माओवादी केन्द्र के प्रतिनिधि भुपेन्द्र पुन मगर, राप्रपा के भरत ध्वज शाही, जनमत के दिपक पासी, जसपा नेपाल के कौशल कुमार धावी, राप्रपा नेपाल के अमृता चन्द, राप्रपा नेपाल के जिला सचिव प्रमोद प्रसाद भट्टराई, नेपाल समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष दिनेश गुरुङ, जसपा नेपाल के सचिव सूर्यलाल यादव लगायत आदिवासी जनजाति महासंघ के विभिन्न भातृसंगठन के पदाधिकारी, पत्रकार लगायत लोगों की  उपस्थिति रही थी ।

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