भारत के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन

काठमान्डू 10अक्टूबर

 

दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। टाटा समूह ने इसकी जानकारी दी है। टाटा समूह ने कहा कि अपार दुख के साथ हम अपने प्रिय रतन के शांतिपूर्ण निधन की घोषणा करते हैं। हम, उनके भाई, बहन और स्वजन, उनकी प्रशंसा करने वाले सभी लोगों के प्रेम और सम्मान से सांत्वना महसूस करते हैं।
रतन नवल टाटा दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे, फिर भी वह कभी अरबपतियों की किसी सूची में नहीं आए। उन्होंने 30 से अधिक कंपनियों को नियंत्रित किया जो छह महाद्वीपों के सौ से अधिक देशों में संचालित थीं, फिर भी उन्होंने एक साधारण जीवन जिया। वह ऐसे कॉरपोरेट दिग्गज थे जिन्हें शालीनता और ईमानदारी के गुणों वाला ‘पंथनिरपेक्ष संत’ माना जाता था।

1962 में आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल की
न्यूयार्क स्थित कार्नेल विश्वविद्यालय से 1962 में आर्किटेक्चर में बीएस की डिग्री हासिल करने के बाद रतन टाटा परिवार की कंपनी में शामिल हुए थे। शुरुआत में टाटा ग्रुप के कारोबारों का अनुभव प्राप्त करने के लिए उन्होंने शाप फ्लोर पर काम किया फिर 1971 में उनमें से एक नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रानिक्स कंपनी में प्रभारी निदेशक नामित हुए।

एक दशक बाद 1991 में उन्होंने अपने चाचा जेआरडी के स्थान पर टाटा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन का पद संभाला जो आधी सदी से भी अधिक समय तक प्रभारी रहे थे। यह वह वर्ष था जब भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था खाली था और टाटा ने जल्द ही समूह को नमक से लेकर स्टील, कारों से लेकर सॉफ्टवेयर, बिजली संयंत्रों व एयरलाइंस तक के संचालन के साथ एक ग्लोबल पावर हाउस में बदल दिया।

दो दशकों तक टाटा संस के चेयरमैन रहे
वह दो दशकों से अधिक समय तक समूह की मुख्य होल्डिंग कंपनी टाटा संस के चेयरमैन रहे। इस दौरान समूह ने काफी विस्तार किया। वर्ष 2000 में लंदन स्थित टेटली टी को 43.13 करोड़ अमेरिकी डालर में अधिग्रहीत किया, 2004 में दक्षिण कोरिया के देवू मोटर्स के ट्रक-निर्माण संचालन को 10.2 करोड़ डालर में खरीदा, एंग्लो-डच स्टील निर्माता कोरस समूह को खरीदने के लिए 11.3 अरब डॉलर का भुगतान किया और फोर्ड मोटर कंपनी से ब्रिटिश कार ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर खरीदने के लिए 2.3 अरब डालर खर्च किए।

रतन टाटा के निधन पर टाटा समूह के अध्यक्ष एन चन्द्रशेखरन ने कहा कि अत्यंत दुख के साथ हम रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं। वह वास्तव में एक असाधारण नेतृत्वकर्ता थे, जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि राष्ट्र को भी आकार दिया है।

 

Source : https://www.himalini.com/187119/06/10/10/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25ad%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25a4-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%25b6%25e0%25a4%25b9%25e0%25a5%2582%25e0%25a4%25b0-%25e0%25a4%2589%25e0%25a4%25a6%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25af%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%2597%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25a4%25e0%25a4%25bf-%25e0%25a4%25b0