मौत के 120 मिनट..पायलट के हाैसले ने 141 पैसेंजर की जान बचाई
तिरुचिरापल्ली से शारजाह के लिए शाम के 5:45 बजे रवाना हुई एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में त्रिचि इंटरनेशल एयरपोर्ट से टेकऑफ करते ही विमान में तकनीकी खामी की बात सामने आ गई. विमान के पहिये में खराबी का पता चलते ही पायलट के साथ ही एयरपोर्ट पर तैनात लोगों के भी होश उड़ गए. आनन-फानन में त्रिचि एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया और एंबुलेंस के साथ ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैनात कर दिया गया.
दरअसल, एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट ने त्रिचि एयरपोर्ट से शारजाह जाने के लिए उड़ान भरी थी. विमान के टेक ऑफ करते ही पायलट के साथ ही क्रूम मेंबर को एयरक्राफ्ट में टेक्निकल ग्लिच होने की बात सामने आ गई. इसके बाद सभी के होश उड़ गए. इसके बावजूद पायलट ने धैर्य नहीं खोया. उन्होंने अपने दिमाग को ठंडा रखते हुए विमान में सवार 141 पैसेंजर के बारे में सोचा. सभी लोगों की जान को सुरक्षित रखना उनकी प्रायरिटी बन गई. पायलट ने इसकी सूचना एयरपोर्ट अथॉरिटी को दी. सूचना मिलते ही हवाई अड्डे पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया. एंबुलेंस के साथ ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तैनात कर दी गईं.
एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान ने त्रिचि एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी. कुछ दूर जाते ही एयरक्राफ्ट में टेक्निकल ग्लिच आने की बात सामने आ गई. उड़ान के दौरान जब विमान में किसी भी तरह की समस्या आती है तो मुख्य पायलट सेंट्रल रोल में आ जाते हैं. इसके बाद वही हालात और परिस्थितियों का सामना करते हैं. साथ ही विमान में सवार पैसेंजर की सुरक्षा का भी उन्हें ख्याल रखना होता है. हालांकि, उनके साथ पूरी टीम होती है, लेकिन ऐसे मौकों पर पायलट की सूझबूझ ही काम आती है. त्रिचि से शारजाह जा रही फ्लाइट में भी ऐसे ही स्थिति पैदा हो गई. पायलट ने साहस और धैर्य का परिचय देते हुए समस्या का समाधान होने तक विमान को हवा में रखा. इसके बाद पूरी समझदारी के साथ विमान की लैंडिंग वापस त्रिचि एयरपोर्ट पर कराया. इसके बाद पूरे देश के साथ ही 141 पैसेंजर और पायलट ने राहत की सांस ली.
जानकारी के अनुसार, त्रिचि से शारजाह जा रहे जिस विमान में तकनीकी समस्या आई वह बोइंग 737 एयरक्राफ्ट था. इसमें 141 लोग सवार थे. पायलट को जब इसका पता चला तो उन्होंने विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराने से पहले उसके फ्यूल को बर्न करना शुरू किया. सुरक्षा के लिहाज से जब फ्यूल को पर्याप्त मात्रा में बर्न कर दिया गया तब जाकर विमान की आपात लैंडिंग कराई गई. विमान का पहिया यानी पेंडिंग गियर ही जाम हो गया था. मशक्कत के बाद उसे बीच हवा में ही दुरुस्त करने का प्रयास किया गया. जैसे ही इसमें सफलता मिली विमान की सेफ लैंडिंग कराई गई.