शताब्दी पुरुष गौरीशंकर लालदास का १०१ वां जन्मदिवस मनाया गया

काठमांडू, असोज ११ – शताब्दी पुरुष गौरीशंकर लालदास के १०१ वां जन्मोत्सव समारोह मानाया गया है ।काठमांडू में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने अपनी नवीनतम कृति ‘यादों के गलियारें मे’ संंस्मरणत्मक निबन्ध संग्रह का लोकापर्ण करते हुए जन्मदिवस मनाई । अपनी पुस्तक में उन्होंने उस समय जो चुनौतियों का सामना किया था उसकी चर्चा के साथ ही विभिन्न विषयों की चर्चा की है । डॉ.गौरी शंकर लाल दास पेशे से चिकित्सक हैं । ये छाती रोग विशेषज्ञ हैं और एक अच्छे साहित्यकार के रूप में भी जाने जाते हैंं । ड‘ा. गौरी शंकर लाल दास जी का जन्म वि.सं. १९८१ (ई.सं. १९२४) आश्विन कृष्ण द्वादशी को उनके ननिहाल में हुआ था । उनके द्वारा लिखी गए ‘यादों के गलियारे में’ उन्होंने अपनी चुनौतियों के बारे में लिखा है । उन्होंने मानव अधिकार आयोग के गठन के शुरुआती दौर से ही काम किया था । वें वि.सं.२००९ में काठमांडू आए । यह वो समय था जब नेपाल के अस्पतालों में पढ़े लिखे चिकित्सकों का अभाव था । सबसे पहले उन्होंने वीर अस्पताल में लोक सेवा आयोग के सिफारिश में आवासीय चिकित्सक के रुप में काम करना शुरु किया ।
मानव अधिकार आयोग के साथ ही उन्होंने क्षयरोग निवारण संस्था नेपाल, परिवार नियोजन संघ तथा नेपाल रेडक्रस सोसाइटी, नेपाल कुष्ठ रोग निवारण संघ में भी काम कर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।
इस कार्यक्रम के अवसर पर उनके पुत्र आनंद मोहन ने जानकारी दी कि आज से डॉ. लाल एक और शताब्दी में प्रवेश कर रहे हैं । इसी खुशी में यह जन्मोत्सव का कार्यक्रा मनाया जा रहा है । उन्होंने यह भी कहा कि उनके स्वस्थ्य जीवन का राज साकारात्मक सोच और क्रियाशिल जीवन है ।
डॉ.लाल पेशे से चिकित्सक हैं  । लेकिन लाल की रुचि साहित्य और संगीत में भी रही है । उन्हें बांसुरी बजाना आज भी अच्छा लगता है । उनकी छोटी बहु रंजु ने बताया कि वो आज भी घंटों लैपटोप पर बैठकर काम करते हैं । उनकी सक्रियता आज भी बनी हुई है ।
डॉ. लाल ने अपने जन्मोत्सव में सहभागी सभी के प्रति कृज्ञता और अशीर्वाद प्रकट करते हुए कहा कि ‘सौ वर्ष जीना चाहिए लेकिन स्वस्थ्य जीवन शैली के साथ । अच्छी तरह सुनना और बोलना चाहिए । मैं अभी बिल्कुल ठीक हूँ और आप सभी के इस् प्रृम और स्नेह के लिए बहुत आभारी हूँ ।’
डा. गौरीशंकर लाल के जन्मोत्सव समारोह में प्रमुख अतिथि क रुप में आए महिला,बालबालिका तथा जेष्ठ नागरिक मंत्रीनवलकिशोर साह सुडी ने अपनी शुभकामना संदेश में कहा कि – शताब्दी पुरुष के सम्मान और उनके नाम में हुलाक टिकट और सिक्का निकाल्ने का प्रस्ताव मंत्री परिषद में पेश करने की जानकारी दी । उन्होंने आश्वासन देते हुए यह भी कहा कि अपने कार्यकाल में ही वो इस कार्य को पूरा करेंगे ।
कार्यक्रम के सभापति पूर्व अर्थमन्त्रीशंकर कोइराला ने उनके सक्रिय जीवन की कामना करते हुए कहा कि –प्रधानमंत्री तक उनके नाम में पेश किए गए हुलाक टिकट आदि के बारे में हुई बातों को वो प्रधानमंत्री तक पहुँचाएंगे ।
कार्यक्रम में पूर्व उप प्रधानमंत्री विमलेन्द्र निधि ने उनके साथ अपनी बचपन की कुछ यादों को बताया । कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति परमानन्द झा, विद्याधर मल्लिक की भी उपस्थिति थी ।

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